आओ न घूल कर इक होते हैं, सनम जान से ऐसे ऐसे नहीं रूठते हैं। आओ न घूल कर इक होते हैं, सनम जान से ऐसे ऐसे नहीं रूठते हैं।
जो बाते मेरे साथ शेयर होती थी, वो आज शायद किसी और के साथ शेयर हो रही होंगी। जो बाते मेरे साथ शेयर होती थी, वो आज शायद किसी और के साथ शेयर हो रही होंगी...
एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझाने की कोशिश करता है... एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझ...
लकीरों में नहीं कर्म से, सींच अपने भाग्य का मंजर I लकीरों में नहीं कर्म से, सींच अपने भाग्य का मंजर I
ये तौर, ये तरीके, बनाए किसने! ये तौर, ये तरीके, बनाए किसने!
ये बाधाएं भी ओझल हो जाएंगी, जिंदगी फिर से एक सुनहरा सवेरा ले आयेगी,।। ये बाधाएं भी ओझल हो जाएंगी, जिंदगी फिर से एक सुनहरा सवेरा ले आयेगी,।।